नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि कानून के विरोध के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है या नहीं, इस सवाल का अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है। लेकिन पंजाब समेत कुछ राज्यों में जिस तरीके से किसान आंदोलन को सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। उससे इसमें राजनीति रंग भी दिखाई देने लगे हैं। कुछ नेता सामने आकर समर्थन दे रहे हैं तो कुछ पर्दे के पीछे से साथ।
कांग्रेस-इनेलो समेत विपक्षियों ने सरकार को घेरा है, वहीं सरकार की सहयोगी पार्टी जजपा पूरी तरह चुप है। दुष्यंत चौटाला दो दिन पहले रात को चंडीगढ़ आए। इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली रवाना हो गए, लेकिन अब तक कोई बयान नहीं आया। पहले दुष्यंत इन कानूनों को किसानों के हक में बता चुके हैं।

इस मुद्दे को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आंदोलन इसका जरिया नहीं है।
वहीं, विज ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन के मास्टर माइंड पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंदर सिंह हैं। आंदोलन में पंजाब सरकार के कुछ लोग सामने आए हैं, जो किसानों को रास्ता दिखा रहे थे। पंजाब ने किसानों को रोकने की कोशिश नहीं की।

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान कि आंखों में पहले से ही आंसू हैं। उन्होंने कहा, "किसान कि आंखों में पहले से ही आंसू हैं। उन पर क्यों आंसू गैस छोड़ते हो। अपील है कि शांतिपूर्ण आंदोलनरत किसानों के रुकने-ठहरने, खाने-पीने का प्रबंध, उपचार-डॉक्टरी मदद का हर संभव प्रयास करें।"
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नए कानून बनाना समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा, "नए कानून बनाना समय की जरूरत थी। ये नए कृषि कानून किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। मैं किसान भाइयों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं।"

उधर पंजाब सीएम का कहना है कि किसानों को टकराव में कोई दिलचस्पी नहीं। उन्होंने कहा, "मनोहर लाल सरकार और हरियाणा पुलिस की बर्बरता के सामने किसानों ने जो संयम दिखाया, उसने काफी प्रभावित किया है। किसानों को टकराव में कोई दिलचस्पी नहीं, वे केवल बताना वो चाहते हैं, जो उनका संवैधानिक अधिकार है।"
इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी खुलकर बोले। उन्होंने कहा, "जब गांधी जी की सत्य अहिंसा की लाठी लेकर निकले तो दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिटिश साम्राज्य तिनके की तरह बिखर गया। आज फिर दिल्ली दरबार के भाजपाई अहंकारियों के खिलाफ हुंकार गूंजी है। कांग्रेस काले कानूनों को खत्म करने को वचनबद्ध है।"
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