अहमदाबाद। गुजरात में 3 मुस्लिम भाइयों ने धार्मिक सौहार्द की ऐसी मिसाल पेश की कि पूरा जिला ही चौंक गया। यहां इन भाइयों ने अपने बाप के ब्राह्मण मित्र के निधन पर उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया। भाइयों ने धोती एवं जनेऊ पहनकर अंतिम संस्कार करने में समय व्यतीत नहीं किया।
रिपोर्ट की माने तो, इन भाइयों के नाम अबू, नसीर एवं जुबैर कुरैशी हैं। ये सभी दिहाड़ी मजदूर हैं। ये तीनों अपने मजहब इस्लाम को पूरी शिद्दत से मानते हैं एवं दिन में पांचों समय की नमाज पढ़ते हैं। चाचा का अंतिम संस्कार करने में इन्होंने हिंदू संस्कृति का पूरा ख्याल रखा।
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धोती एवं जनेऊ पहनकर किया अंतिम संस्कार
तीनों मुस्लिम भाई मजदूरी का कार्य करते हैं। इसी दौरान भानुशंकर पांड्या का निधन हो गया। जब उनके अंतिम संस्कार करने का वक्त आया तो उन्होंने बिना विचार किए अंतिम संस्कार का सामान जुटाया तथा तीनों ने इसके लिए हिंदू संस्कृति के मुताबिक धोती व जनेऊ भी धारण किए।
चाचा के अंतिम वक्त में पड़ोस से गंगाजल लाकर पिलाया। फिर फूल-माला डालकर अर्थी को सजाया गया। अंतिम में चार कंधो पर अर्थी को रखकर श्मशान पहुंचे, जहां नसीर के पुत्र अरमान ने उनको आग दी।
बन गए परिवार का भाग
जानकारी के मुताबिक, तीनों भाइयों के पिता भीखू कुरैशी एवं पांड्या एक-दूजे से 40 वर्ष पूर्व मिले थे। कुरैशी का तीन साल पूर्व निधन हो गया जिससे पांड्या टूट गए थे। अबु की माने तो, 'भानु अंकल का परिवार नहीं था, इसलिए जब अनेक वर्ष पूर्व उनका पैर टूट गया तो हमारे पिता ने उनसे हमारे साथ आकर रहने को बोला। वो हमारे परिवार का भाग बन गए।'
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