जोधपुर। पिछले 10 माह से पाकिस्तान में फंसी जोधपुर की बहू जनता माली आखिरकार हिंदुस्तान लौट आई। नोरी वीजा पर अपनी मां की तबीयत पूछने गई जनता के परिवार के अन्य सदस्य तो पहले ही आ गए थे, लेकिन नियमों के फेर में उसकी वापसी अटक गई। सीमांत लोक संगठन ने इसके लिए संघर्ष किया और यह मामला उठाया। इस पर जनता की वापसी की राह आसान हुई।
संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने बताया कि यहां से राज्य सरकार को पत्राचार किया गया। इसके बाद गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय तक संघर्ष किया। न्यायालय ने भी इस मामले में प्रसंज्ञान लिया। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग तक संघर्ष किया और कई बार रद्द होने के बाद आखिरकार जनता माली की वापसी संभव हो पाई।
जनता माली 10 साल से शादी के बाद पति व बच्चों के साथ जोधपुर में रह रही है। उसको भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। कोविड फेज के पहले अपनी मां की तबीयत पूछने नोरी वीजा पर पाकिस्तान गई थी।
उसके पति व बच्चे भारतीय नागरिक ऐसे हैं ऐसे में वे विजिटर्स वीजा पर गए थे। परिवहन साधन बंद हुए तो सभी वहां फंस गए। जुलाई माह में उनके पति व बच्चे तो लौट आए, लेकिन वह फंस गई। इसके बाद काफी लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार मंगलवार को उसकी वापसी हुई।
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