जयपुर। राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि राज्य के 18 जिलों में प्रतिवर्ष भेड़ निष्क्रमण होता है तथा भेड़ निष्क्रमण वर्षा व चराई क्षेत्र पर आधारित है।
कटारिया ने प्रश्नकाल में विधायकों के सवाल पर बताया कि राज्य में हर वर्ष होने वाले भेड़ निष्क्रमण की मुख्य सचिव की देखरेख में मॉनिटरिंग होती है। भेड़ निष्क्रमण का बजट पशुपालन विभाग के पास होता है। वर्तमान में प्रदेश में भेड़ निष्क्रमण व्यवस्था के लिए 187 चौकियां स्थापित हैं। इनमें 40 स्थाई एवं 147 अस्थाई चौकियां हैं। विभाग स्तर पर भेड़ों की दवा, ठहराव आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।
इसके साथ ही भेड़ पालकों को समय-समय पर मौसम आदि की जानकारी भी दी जाती है। भेड़ पालकों द्वारा भेड़ों के लिए दवा मांगने पर दवा उपलब्ध कराने के साथ आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। हर वर्ष निष्क्रमण पर जाने वाली भेड़ों में ज्यादातर भेड़ें उन्हीं पालकों की होती हैं जो भेड़ पालक प्रतिवर्ष आते हैं। इसकी विभाग के स्तर पर पूरी जानकारी रखी जाती है।
इससे पहले कटारिया ने विधायक भरत सिंह के सवाल पर बताया कि पशुगणना 2012 के अनुसार प्रदेश में कुल 90.80 लाख भेड़ें हैं। उन्होंने गत तीन वर्षों में स्थाई निष्क्रमण पर रही भेड़ों की संख्या का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने प्रदेश में भेड़ों के निष्क्रमण पर की जाने वाली व्यवस्थाओं का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह व्यवस्था आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध संसाधनों से की जाती है।
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