डेस्क। वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के कारण टोक्यो-2020 ओलंपिक खेलों को जापान के प्रधानमंत्री और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति एक साल के लिए स्थगित करने पर सहमत हो गए हैं। गवर्नर ने कहा कि विलंबित ओलंपिक को अब भी टोक्यो 2020 कहा जाएगा। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के ओलंपिक खेलों के लिए खिलाड़ी ना भेजने के फैसले के बाद ही खेलों के इस महाकुंभ को एक साल के लिए टालने का दबाव बन रहा था।

टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीद मनु भाकर का मानना है कि ट्रायल्स और प्रतियोगिताएँ स्थगित ही होनी चाहिए क्योंकि दूसरी बेहद महत्वपूर्ण चीज़ें हैं जिससे दुनिया को निबटना है। दो बार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकीं और 48 किलो भार वर्ग में में भाग लेने वाली महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू भी कह चुकी है कि अगर ओलंपिक नहीं हुए तो उनकी चार साल की मेहनत बेकार चली जाएगी।

अब इतना तो तय ही है कि टोक्यो ओलंपिक खेलों के अगले साल तक स्थगित होने से खिलाड़ियों का मनोबल पूरी तरह से टूटने से बच गया है लेकिन अब उन्हें अलग तरह से तैयारी करनी पड़ेगी. पर ज़रा सोचिए अगर टोक्यो ओलंपिक रद्द ही हो जाते तो क्या होता?

दरअसल, प्रमुख विश्व भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने की पेशकश की और आईओसी अध्यक्ष थामस सहमत हो गए हैं। गवर्नर ने कहा कि विलंबित ओलंपिक को अब भी टोक्यो 2020 कहा जाएगा। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि विलंब से ओलंपिक का आयोजन वायरस की हार का प्रतीक होगा।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा, ''मैंने खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने की पेशकश की और (आईओसी अध्यक्ष थामस) बाक ने इस पर शत प्रतिशत सहमति जताई।'' ओलंपिक खेलों का आयोजन 24 जुलाई से नौ अगस्त 2020 के बीच होना था, अब ओलंपिक 2021 में होगा। टोक्यो ने खेलों की मेजबानी पर 12 अरब 60 करोड़ डॉलर खर्च किया है और इसके ताजा बजट को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि खेलों को स्थगित करने से छह अरब डॉलर का अतिरिक्त खर्चा होगा।

कोविड-19 के कारण विश्व भर में अभी तक 17,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ओलंपिक खेलों के लिए जापान के स्टेडियम काफी पहले ही तैयार हो गए थे और बड़ी संख्या में टिकट भी बिक गए थे। कोरोना वायरस के कारण अधिकतर खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक की तैयारियां करना मुश्किल हो गया था। यह टोक्यो शहर के लिए बड़ा झटका है, जिसकी ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिए अब तक काफी सराहना हुई है। ओलंपिक को अब बहिष्कार, आतंकी हमले और विरोधों का सामना करना पड़ा है, लेकिन 1948 के बाद इन्हें हर चार साल में आयोजित किया जाता रहा है।

कनाडियन ओलंपिक कमिटी (COC) और कनाडियन पैरालंपिक कमिटी (CPC) ने कहा था कि कोरोना वायरस के चलते वह ओलंपिक और पैरालंपिक में हिस्सा नहीं लेगा। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई ओलंपिक कमिटी ने सोमवार को अपने खिलाड़ियों को कहा था कि वे सभी अगले साल यानी 2021 को ध्यान में रखते हुए ओलंपिक की तैयारियां करें।
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