जयपुर। राजधानी जयपुर में शनिवार को पुष्य नक्षत्र के चलते शहर के प्राचीन गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं द्वारा अष्टोत्तरशत नामावली पाठों से प्रथम पूज्य से सुख- समृद्धि की कामना करेंगे। भगवान गणेश को पुष्य स्नान के साथ ही मोदक अर्पण किए जाएंगे। शनिवार शाम को गणपति को नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगले में विराजमान किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर शहर के गढगणेश मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, श्वेत सिद्धि विनायक मन्दिर, ध्वाजाधीश गणेश, परकोटे वाले गणेश मन्दिर सहित गणेश विभिन्न मंदिरों में पंचामृत अभिषेक व विशेष श्रंगार सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होंगे और ध्वजाधीश को नई पोशाक पहनाई जाएगी।
मोतीडूंगरी गणेशजी मंदिर में पुष्य नक्षत्र के अवसर पर शनिवार सुबह 7 बजे 251 किलो दूध, 21 किलो दही, 21 किलो बूरा, सवा पांच के किलो घी, शहद, केवड़ा जल गुलाबजल केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से भगवान गणेश का अभिषेक किया जाएगा। सबसे पहले गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाबजल से अभिषेक के बाद पंचामृत अभिषेक होगा। फिर गंगाजल से शुद्ध स्नान कराया जाएगा।। सुबह 11 बजे भगवान गणपति को 1001 मोदक अर्पित किए जाएगे। शाम को गणेश जी को फूल बंगले में विराजमान करवाया जाएगा। चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर में सुबह आठ बजे मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत अभिषेक पूजा की जाएगी। 111 किलो दूध से अभिषेक होगा। अंत में भक्तों को हल्दी की गांठ वितरित की जाएगी। ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में गणपति का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई जाएगी। मोदकों का भोग अर्पण करने के बाद शाम को 251 दीपकों से आरती होगी। चौड़ा रास्ता के काले गणेशजी, दिल्ली बाईपास रोड स्थित आत्माराम गणेश मंदिर में भी कार्यक्रम होंगे।