नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की 1700 से अधिक कॉलानियों को अधिकृत करने के लिए कानून बनाने के साथ ही केन्द्र सरकार यहां ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ अभियान भी शुरू करेगी।
यह खबर भी पढ़ें: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को भरने की मांग
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलाेनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता ) विधेयक 2019 को बुधवार को राज्यसभा में पेश करने के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिर्फ अनाधिकृत कॉलोनियों की समस्या नहीं है बल्कि झुग्गी झोपड़ियों की बड़ी समस्या। इस समस्या से निटपने के उद्देश्य से जहां झुग्गी वहीं मकान अभियान शुरू किया जायेगा।
पुरी ने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत 1700 से अधिक कॉलोनियों को अधिकृत करने का काम दिल्ली विकास प्राधिकरण शुरू कर चुका है। 1100 कॉलोनियों का नक्शा पूरा किया जा चुका और 600 कॉलोनियों के लिए यह काम जारी है। इस संबंध में जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है और संबंधित आवासीय कल्याण संघ (आरडब्लूए) को 15 दिनों में इस पर अपनी टिप्पणी देने की अपील की गयी है। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर से डीडीए की दूसरी वेबसाइट शुरू हो जायेगी जहां ऑनलाइन पंजीयन के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए पहले 25 हेल्पडेस्क शुरू किया गया था जिसकी संख्या बढ़ाकर अब 50 कर दी गयी और भीड़ बढ़ने पर इसकी संख्या 75 करने की भी तैयारी है।
उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मुख्तारनामा, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र या किन्हीं अन्य दस्तावेजोकं के आधार पर नियमितकीकरण की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा इस विधेयक को पारित कर चुकी है और अब इस ऊपरी सदन को इस विधेयक को इन कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोगों के हित में सर्वसम्मति से पारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉलोनियों की पहचान के लिए उपग्रह इमेजिंग का उपयोग किया जा रहा है।
पुरी ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना में दिल्ली की आबादी के दो करोड़ के आसपास पहुंचने का अनुमान है जो वर्ष 1947 में आठ लाख थी और वर्ष 1950 उनकी जनगणना में 20 लाख हो गयी थी। जिस तेजी से दिल्ली की आबादी बढ़ रही है उसके मद्देनजर यहां नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुये मोदी सरकार ने वर्षाें से इन कॉलाेनियों में रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिये जाने का निर्णय लेते हुये यह विधेयक लायी है।