नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के अमरावती भूमि घोटाला मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक बुधवार को हटा दी है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईकोर्ट से कहा कि वे भूमि घोटाला के मामले में जनवरी तक कोई फैसला नहीं करेंगे। मामले की अगली सुनवाई जनवरी के आखिरी हफ्ते में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एसआईटी जांच पर रोक लगाने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान आंध्रप्रदेश के पूर्व एडवोकेट जनरल की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एफआईआर राजनीतिक बदले के तहत दर्ज की गई है और जमीन खरीदने में किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने अमरावती में जमीन 2015 के मध्य में खरीदी थी जबकि हजारों लोग जून 2014 से जमीन खरीद रहे थे। जून 2014 में ये सार्वजनिक हो चुका था कि अमरावती नई राजधानी होने वाली है।
मामले में जगनमोहन सरकार द्वारा राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल डी श्रीनिवास समेत 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज की दो बेटियां भी हैं। एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों ने अमरावती में भूमि इसलिए खरीदी कि उन्हें पहले से पता था कि अमरावती नई राजधानी बनाई जानी है।
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले 15 सितम्बर को अमरावती भूमि घोटाले की एसआईटी जांच पर रोक लगा दिया था और एफआईआर दर्ज होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से किसी भी मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी। अमरावती भूमि घोटाला 2014 में आंध्र प्रदेश राज्य के बंटवारे के समय का है।
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