नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान सड़कों पर उतर चुके हैं और दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं और अब यह आंदोलन दिल्ली के दरवाजे तक पहुँच चूका है। हालांकि प्रशासन उन्हें रोकने के लिए हर तरीके आजमाने में लगा है। सिंघू बॉर्डर पर वाहनों की सघन की चेकिंग की जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
भारी मात्रा में सीमाओं पर सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। इस बीच, टिकरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबर भी सामने आई है। वहीं, डबवाली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस की गाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने वज्र वाहन और वॉटर कैनन पर भी कब्जा जमा लिया है। किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। किसानों की ओर से पत्थरबाजी की भी खबर है। किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं।
किसानों का कहना है, ‘हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे जारी रखते हुए हम दिल्ली में एंट्री करेंगे। लोकतंत्र में प्रदर्शन की इजाजत होनी चाहिए।’ उधर, पुलिस ने सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल बनाने की इजाजत मांगी है।
इससे पहले पंजाब से लेकर हरियाणा की सड़कों पर किसानों का गुरुवार को हल्लाबोल जारी रहा। किसान दिल्ली कूच करने के लिए अड़े हुए हैं और पुलिस से कई झड़पों के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। गुरुवार को भी दिल्ली कूच के दौरान पूरे दिन किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प होती रही।
किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है और कई जगहों पर किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी प्रयोग करना पड़ा। हालांकि, तब भी किसान आगे बढ़ते जा रहे हैं। अब किसान दिल्ली के करीब पहुंच आए हैं और आज किसी भी वक्त राजधानी में प्रवेश कर सकते हैं।
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