नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के अखबारों ने आज 12 प्रमुख विपक्षी दलों के गठबंधन पीडीएम की पेशावर में आयोजित होने वाली रैली की खबरों को प्रमुखता से छापा है। इस रैली को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था, फिर भी रैली में शामिल होकर विपक्षी दलों के नेताओं ने इमरान सरकार को ललकारा है।
खबर को प्रकाशित करते हुए रोजनामा जंग, नवाएवक्त और दुनिया समेत सभी बड़े समाचार पत्रों ने प्रकाशित करते हुए लिखा कि सरकार के प्रतिबंध को तोड़ते हुए हजारों की संख्या में रैली में लोग जुटे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने रैली को खिताब करते हुए कहा कि अब इमरान सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आवाम सरकार से बेहद नाराज है। महंगाई, बेरोजगारी और देश के आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर मुल्क में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव की वजह से दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा तो इसके लिए विपक्षी दल जिम्मेदार होंगे।
पाकिस्तान से प्रकाशित रोजनामा जंग, दैनिक नवाएवक्त, दैनिक जिन्नाह और दैनिक पाकिस्तान ने अपने प्रथम पृष्ठ पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मां का लंदन में निधन होने और शाहबाज शरीफ और हमजा को उनके जनाजे में शामिल होने के लिए पैरोल मिलने की खबर को प्रमुख स्थान दिया है। इसके अलावा उत्तरी वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ में चार आतंकवादियों के मारे जाने, एक जवान के मरने और दो के जख्मी होने की खबर भी प्रमुखता से छापी गई है।
दैनिक जंग ने पाकिस्तान के खोई रटा सैक्टर में भारतीय फौज की फायरिंग में एक 7 साल की बच्ची की मौत होने और 10 ग्राम वासियों के जख्मी होने की खबर को ख़ास स्थान दिया है।
अखबार का कहना है कि इस अंधाधुंध फायरिंग से गांव जजर बहादुर में अफरातफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर छुप गए।
दैनिक पाकिस्तान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का यह बयान प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि व्हाइट हाउस से राष्ट्रपति ट्रंप को बाहर निकालने के लिए सेना के विशेष दस्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग के सऊदी अरब में आयोजित जी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभी देशों से संयुक्त राष्ट्र के अधिकारों का सख्ती से पालन करने वाले बयान को स्थान दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मोरिसन के ऑस्ट्रेलिया फोर्थ के विशेष दस्तों के जरिए 39 नागरिकों की हत्या के मामले पर शोक व्यक्त करने वाले बयान को भी विशेष महत्व दिया गया है।6:04PM
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