बेंगलुरु। कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच गुरुवार को विधानसभा के अंदर और बाहर दिल्ली से बेंगलुरु तक हुए घटनाक्रम ने शाम ढलने के बाद नया मोड़ ले लिया। दिन में कल विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा आगे नहीं बढ सकी, इसलिए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को कहा है कि वह शुक्रवार को अपराह्न डेढ़ बजे तक बहुमत साबित करें।
इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष और कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने पार्टी के सभी विधायकों के साथ रात भर सदन में ही धरना देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, जब तक विश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं होता हमारे विधायक सदन में रहेंगे। वहीं, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने बहुमत परीक्षण और व्हिप को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। रात भर सदन में गुजारने के बाद शुक्रवार सुबह बीजेपी के विधायक विधानसभा परिसर में वॉक आदि करते हुए नजर आए।
आपको बतादे की विधानसभा की कल की कार्यवाही में 20 विधायक अनुपस्थित रहे। इनमें कांग्रेस के रमेश जारकीहोली, महेश कुमटल्ली, प्रतापगौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बार, बीसी पाटिल, एसटी सोमशेखर, बैरटी बसवराज, एमटीबी नागराज, डॉ के सुधाकर, आर रोशन बेग, आनंद सिंह, मुनीरत्ना, स्वास्थ्य के आधार पर कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल और बी नागेंद्र, जेडीएस से एच विश्वनाथ, गोपालैया तथा नारायण गौड़ा, निर्दलीय आर शंकर और नागेश तथा बसपा के प्रो. एन महेश हैं।
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224 सदस्यों की विधानसभा की ताकत अब 204 हो गई है। इस तरह से बहुमत के लिए जादुई संख्या 103 हो गयी है। बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा पार्टी की ताकत 105 बनी हुई है जबकि जेडीएस और कांग्रेस की घटकर मात्र 99 रह गई है। ये आँकड़े साबित करते हैं कि बहुमत का दावा करने के लिए गठबंधन सरकार के पास कोई संख्या नहीं है।
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