जयपुर। अजमेर में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह के तहत इसरो प्रमुख ने बड़ा खुलासा किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि हमारे खुद के आर्बिटर ने चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर का पता लगा लिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसरो नासा द्वारा किए गए दावों का खंडन नहीं करेगा।
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इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा, 'आप हमारी वेबसाइट पर देख सकते हैं कि हम पहले ही दुर्घटनाग्रस्त लैंडर की पहचान कर चुके हैं, हम नासा द्वारा किए गए दावों का खंडन नहीं करना चाहते। सिवन नासा द्वारा ट्विटर पर किए गए दावे के संदर्भ में बात कर रहे थे।
नासा ने ट्वीट में कहा, 'चंद्रयान 2 विक्रम लैंडर को हमारे नासामून मिशन लूनर रीकॉन्सेंस आर्बिटर ने पाया है'। हालांकि, बाद में दिन में यह खुलासा हुआ कि चेन्नई के एक तकनीकी विशेषज्ञ षणमुगा सुब्रमण्यन ने नासा के चित्रों का उपयोग करते हुए दुर्घटनाग्रस्त लैंडर के मलबे की खोज की थी।
सिवन ने आगे कहा कि इसरो का मार्च, 2020 तक 13 अंतरिक्ष अभियान पूरा करने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, 'इनमें छह लॉन्च व्हिकल और 7 उपग्रह मिशन शामिल हैं। इन परियोजनाओं के अलावा इसरो जल्द ही प्रोजेक्ट आदित्य-1 शुरू करेगा, जिसके माध्यम से सूर्य की उत्पत्ति के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी व सूर्य से जुड़ी दूसरी गतिविधियों का पता लगाया जाएगा'।