नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज सीबीआई के एक फर्जी डीआईजी को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उसके ठिकाने पर तलाशी के दौरान कुछ हथियार और तमाम अवैध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने सोमवार को बताया कि आरोपित आरआर सिंह उर्फ राजीव सिंह मूल रूप से शिवपुरी चौराहा तहसील कोल जिला अलीगढ़, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह खुद को सीबीआई दिल्ली का डीआईजी बताकर व्यक्तिगत तौर पर लाभ उठाता था। बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति को भी उसने डीआईजी बताकर रोब दिखाया था। उसके दो ठिकानों ज्वाला खेर, बुलंदशहर और शिवपुरी अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) की तलाशी ली गई तो दो बंदुकें, कुछ ड्रेस और कई फर्जी कागजात मिले हैं। आरोपित आरआर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आरोपित ने इसी साल 9 अक्टूबर को एसपी मीरजापुर को फोन कर खुद को सीबीआई दिल्ली मुख्यालय का डीआईजी बताया था और कहा था कि वह परिवार के साथ विंध्याचल देवी के दर्शन करने आ रहा है। उसके रुकने और एक गाड़ी की व्यवस्था उन्हें करनी है। एसपी ने राजीव सिंह के लिए पुतलीघर स्थित गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था करा दी थी। राजीव परिवार सहित वहां पहुंचा तो सीओ (सदर) उसे रिसीव करने रेलवे स्टेशन पहुंचे, मगर बातचीत और उसकी गतिविधियों से सीओ को शक हो गया। एक होटल में राजीव से गहन पूछताछ की गई तो उसका सारा भेद खुल गया। मीरजापुर पुलिस ने राजीव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में उसे पेश किया, जहां से राजीव को जेल भेज दिया गया।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार दिल्ली मुख्यालय में डीआईजी को इस फर्जी डीआईजी के बारे में पता चला तो उन्होंने आरोपित के खिलाफ एक मामला अपने यहां दर्ज करवा दिया। उधर पिछले सप्ताह फर्जी डीआईजी राजीव की अदालत से जमानत हो गई। वह जेल से छूटकर घर पहुंच गया, फिर ससुराल चला गया। इसकी भनक मिलते ही सीबीआई इंस्पेक्टर एके सिंह और उनकी टीम बीते शनिवार की सुबह बन्नादेवी थाना स्थित शिवपुरी राजीव के घर पहुंच गई। तलाशी ली गई। बरामद सामग्री सीबीआई साथ ले आई। साथ ही आरोपित को दिल्ली आकर बयान दर्ज कराने के लिए एक नोटिस उसके यहां तामील करा दी। आज सोमवार को राजीव सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच जारी है।
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