गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह दिनों से चल रहा आंदोलन गुरुवार को काफी आक्रमक हो गया। सुबह से ही किसानों ने जिले के प्रमुख मार्गों पर अपना कब्जा जमाकर जाम लगा दिया। किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर भी जाम लगा दिया जिससे दिल्ली आने-जाने लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडे, एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत तमाम प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और किसानों को बड़ी मशक्कत के बाद समझा-बुझाकर रास्ता खुलवाया। किसानों ने इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि अब किसान का सब्र का बांध टूट चुका है। किसानों ने पहले ही घोषणा कर रखी थी जिसके चलते आज सुबह से ही उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, बागपत समेत तमाम जिलों के किसान आते रहे और इसके बाद जाम का सिलसिला शुरू हुआ।
दिल्ली-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग एक्सप्रेस-वे पर किसानों ने जाम लगा दिया। इतना ही नहीं एलिवेटेड रोड पर भी किसान हुक्का गुड़गुड़ाने लगे जिस कारण लंबी-लंबी कतारें लग गई। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने भी आज यूपी गेट पर महापंचायत बुलाई जिसके चलते आज एनएच-24 पर पुलिस का सख्त पहरा रहा और जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई जिसका नतीजा यह हुआ कि देखते ही देखते भीषण जाम लग गया। विजयनगर से लेकर यूपी गेट तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई जिससे दिल्ली की ओर जाने वाले नौकरी पेशा लोगों व कारोबारियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ी और कई के घंटे का समय इस दौरान उन्हें लगा। लोग इस दौरान पूरी तरह से हलकान रहे।
दिल्ली जाने वाले राजीव कुमार ने बताया कि वह महापंचायत की आशंका के मद्देनजर सुबह एक घंटा पहले ही अपने कनॉट प्लेस स्थित दफ्तर के लिए चले थे लेकिन हिंडन नदी के पास उन्हें जाम का सामना करना पड़ा और अभी तक वह जाम में फंसे हुए हैं। जाम में फंसे एक अन्य कारोबारी राहुल ने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि वह आज दफ्तर पहुंच जाएंगे, इसलिए उन्होंने अपने दफ्तर में फोन करके आज की छुट्टी के लिए कहा है। कुल मिलाकर आज एनएच-24 पर भीषण जाम लगने से लोग परेशान रहे लेकिन पुलिस प्रशासन कोई भी ढिलाई बरतने को तैयार नहीं दिखा।
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