पटना। बिहार की भाजपा-नीत राजग सरकार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पहला साक्षात्कार देश की प्रथम बहुभाषी न्यूज एजेंसी 'हिन्दुस्थान समाचार' को दिया। बातचीत में प्रसाद ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं और सहयोगी दलों से तालमेल के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन हमारी पहली प्राथमिकता है। बेरोजगारी दूर करने के लिए बिहार सरकार पूरा प्रयास करेगी। प्रस्तुत है उप मुख्यमंत्री प्रसाद के साथ वरिष्ठ संवाददाता गोविन्द चौधरी की बातचीत के संपादित अंश-
प्रश्न: बिहार में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। इस पर सरकार की क्या योजना है?
उत्तर: रोजगार सृजन हमारी पहली प्राथमिकता में है। इसके लिए आत्मनिर्भर बिहार, सात निश्चिय योजना (पार्ट-2) को अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाएंगे। प्रदेश के नौजवानों के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। हमारी सरकार ने रोजगार की दिशा में पहले भी अच्छा काम किया है। आगे भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी सरकार का खास एजेंडा है। रोजगार के लिए स्थानीय युवाओं के पलायन को रोकने का भगीरथ प्रयास किया जाएगा।
प्रश्न: निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार की क्या रणनीति है?
उत्तर: औद्योगिक नीति-2020 बनाई गई है। प्रदेश में आधारभूत संरचना एक बड़ी समस्या थी, जिसे विगत 15 वर्षों में हमारी सरकार ने दूर किया है। सड़कें गड्ढों में तब्दील थीं। पटना आने के लिए भी सोचना पड़ता था। पथ निर्माण विभाग ने वर्ष 2003-04 के योजना की निधि का सिर्फ 42.36 प्रतिशत खर्च किया था, वहीं वर्ष 2004-05 में 42.03 प्रतिशत निधि ही खर्च की जा सकी। आज बिहार में स्थिति बदली है। अब पथ निर्माण विभाग की योजना राशि में 99 प्रतिशत तक खर्च किए गए हैं। वर्ष 2017-18 में विभाग की योजना राशि का 99.20 प्रतिशत खर्च किए गए। वर्ष 2018-19 में 97.30 प्रतिशत राशि खर्च की गई। इसका ही परिणाम है कि आज फर्राटा भरते हुए राज्य के किसी भी कोने से लोग पांच-छह घंटों में राजधानी पटना पहुंच जाते हैं। पहले गांवों में ढिबरी जलती थी, जबकि आज 18-20 घंटे बिजली रहती है। बिजली आपूर्ति बेहतर हुई है। उद्योग लगे हैं। आगामी पांच वर्षों में उसे और गति दी जाएगी। उद्यमियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हमारी सरकार प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हर कदम उठाएगी। सरकार खाली पड़ी सरकारी जमीन उद्यमियों को देकर रोजगार सृजन के लिए प्रेरित करेगी। आत्मनिर्भर बनने में बिहार को समय नहीं लगेगा।
प्रश्न: सुशील मोदी जैसे कद्दावर नेता की जगह आप उप मुख्यमंत्री बने हैं, आपका क्या कहना है?
उत्तर: सुशील मोदी हमारे अभिभावक हैं। उनका मार्गदर्शन हम लेते रहेंगे। उनके आदर्शों और विचारों को कैसे आगे ले जाना है, यह भी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने बहुत कुछ सिखाया है, जो मुझे आगे काम करने के लिए प्रेरित करेगा। सुशील मोदी ने बेहतर ढंग से उप मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री का दायित्व संभाला है। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर सत्ता एवं संगठन को और मजबूत बनाएंगे।
प्रश्न: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कैसे सामंजस्य बैठाएंगे?
उत्तर: मैं भाजपा का सिपाही हूं। संगठन ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। हम लोग (भाजपा-जदयू) दो दशक से भी अधिक समय से साथ हैं। सरकार और संगठन के लिए हम लोगों ने साथ काम किया है। प्रदेश में राजग के घटक दलों (भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी) के साथ आपसी सहमति एवं सामंजस्य के साथ काम करेंगे। जो विरासत हमारे अभिभावकों ने हमें दिया है, उसकी हर कसौटी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।
प्रश्न: आप बिहार के सीमांचल से आते हैं। बाढ़, कटाव वहां की सबसे बड़ी समस्या है। इस पर क्या योजना है?
उत्तर: बाढ़-कटाव और पलायन का स्थाई निराकरण करेंगे। नेपाल से आने वाली कोसी, कमला और बागमती नदियों पर नेपाल भूभाग में हाई डैम के निर्माण का प्रस्ताव दशकों से लंबित है। केंद्र सरकार से बात कर इसको आगामी पांच वर्षों में अमलीजामा पहनाना प्राथमिकता रहेगी। केंद्र सरकार की नदियों को जोड़ने की जो महात्वाकांक्षी परियोजना है, उस पर आगामी पांच वर्षों में तेजी से काम किया जाएगा। पलायन और जान-माल की सुरक्षा का भी स्थाई निराकरण करेंगे। बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के फेज 3(बी) और फेज 5(ए) के लिए स्वीकृत किए गए योजना से तटबंधों के सुदृढ़ीकरण एवं नए तटबंधों के निर्माण से दरभंगा, मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। इस पर काम चल रहा है, जो अगले पांच वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा।
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