नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से पूर्व छात्रों को जोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ब्रांड एलुमनाई का एक नेटवर्क तथा टास्क फोर्स बनाइए।
निशंक ने शुक्रवार को यहां एनआईटी मेघालय के सातवें दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत का मतलब दीक्षा का अंत होना नहीं बल्कि सीखने-सिखाने की प्रक्रिया तो जीवन पर्यंत चलती रहती है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत के बाद ही छात्र की असली परीक्षा प्रारंभ होती है जब वह रोजगार के क्षेत्र में प्रवेश करता है जहां उसे संस्थानों में पाए सैद्धांतिक ज्ञान एवं अनुभवों का व्यवहारिक जीवन में उपयोग करना होता है।
उन्होंने छात्रों को नई शिक्षा नीति का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा कि हम आपको प्लेटफार्म देंगे और बदले में आप अपने अनुभव, एक्सपर्टीज और ज्ञान का दान करें। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में प्रतिभा की पहचान तो होगी, इसका विकास भी होगा और विस्तार भी किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने केंद्र सरकार द्वारा विश्व बैंक के साथ देश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए चलाए जा रहे टीईक्यूआईपी (टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम) के बारे में बात करते हुए कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि टीईक्यूआईपी-III के ग्रांट्स की मदद से एनआईटी मेघालय विभिन्न परियोजनाओं तथा इनोवेटिव गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
निशंक ने एनआईटी मेघालय द्वारा कोरोना संकट काल में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में भी एनआईटी मेघालय ने डिजिटल क्लास रूम का तो निर्माण किया ही साथ में कैंपस में लगातार सोशल डिस्टेंसिंग तथा सैनिटाइजेशन प्रक्रिया को भी जारी रख अपनी क्षमताओं को साबित किया है।
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