नई दिल्ली। सोनिया गांधी के अति करीबी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का 71 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। अहमद पटेल एक महीने पूर्व कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उनका इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
पटेल कांग्रेस के संकटमोचक माने जाते थे। वे सोनिया गांधी के सबसे करीबी सलाहकारों में शामिल थे। पटेल की गिनती कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं में होती थी, लेकिन वे कभी सरकार का हिस्सा नहीं रहे। इंदिरा गांधी ने उनमें भविष्य देखा था।
गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में पैदा हुए अहमद पटेल तीन बार लोकसभा सांसद और पांच बार राज्यसभा सदस्य रहे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जमाने में पटेल पहली बार 1977 में भरूच संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े और विजयी हुए। 1980 के लोकसभा चुनाव में वह फिर भरूच संसदीय सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुए। 1984 के लोकसभा चुनाव में वह फिर निर्वाचित हुए। 1993 से अहमद राज्यसभा सदस्य थे। 2001 से वह सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार है। वह सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे।
अहमद पटेल राजीव गांधी के करीब थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी 1984 में लोकसभा की 400 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में आए थे और पटेल कांग्रेस सांसद होने के अलावा पार्टी के संयुक्त सचिव बनाए गए। उन्हें कुछ समय के लिए संसदीय सचिव और फिर कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया।
बता दें कि अहमद पटेल ने 1 अक्टूबर को खुद ट्वीट करके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं, जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं मैं उन सभी से आग्रह करता हूं कि वे खुद को आइसोलेट कर लें। पटेल को कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था। वह सोनिया गांधी के सबसे करीबी और राजनीतिक सलाहकार थे।
यह खबर भी पढ़े: आज लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे पीएम मोदी, जारी करेंगे स्मारक सिक्का