नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। ठंड और बारिश की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस बीच किसानों ने एक और बड़ा ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन को और तेज करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि क़ानून कैसे ख़त्म हो सरकार को इस पर काम करना चाहिए। सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन में यदि कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार करना चाहिए।

वहीं, किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हमने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चढ़ेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, SDM दफ़्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी।
गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। सरकार के साथ किसानों की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला है। किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है।
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