जयपुर। भारत में हर साल 15 लाख से ज्यादा कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। इतनी बड़ी तादात में फैल रहे इस रोग की आक्रमकता और गंभीर परिणाम को देखते हुए लोगों में इसे लेकर जागरूकता बढ़ रही है। अब लोग अपने स्वस्थ भविष्य के लिए पहले से कैंसर स्क्रीनिंग करा रहे हैं जिससे अगर उन्हें भविष्य में इस बीमारी की संभावना भी लगे तो पहले ही उसका उपचार कर गंभीर परिणामों को रोका जा सके।
स्वस्थ व्यक्ति को भी स्क्रीनिंग जरूरी --
फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल आंकोलॉजिस्ट डॉ. दिवेश गोयल ने बताया कि कैंसर कभी भी किसी को हो सकता है। इसलिए स्वस्थ व्यक्ति को भी इसकी स्क्रीनिंग करानी चाहिए। जिससे उसे संभावित खतरे के बारे में समय से पता चल जाए। इसके लिए सबसे पहले व्यक्ति का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसमें व्यक्ति से कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं, जैसे- उसे तंबाकू या अल्कोहल की लत तो नहीं, परिवार में किसी अन्य सदस्य को कैंसर तो नहीं रहा, अगर वह कहीं काम करता है तो वहां रेडिएशन या धूएं जैसी स्थिति, जहां रहते हैं वहां का वातावरण प्रदूषित है या नहीं। अगर व्यक्ति की स्थिति सामान्य है तो इससे आगे के चेकअप किए जाते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को संबंधित अंग से जुडे लक्षण भी हैं तो उसकी जांच की जाती है।
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हर अंग के अलग होते हैं लक्षण और जांच --
कैंसर का प्रभाव हर अंग पर अलग-अलग तरह से होता है। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. दिवेश गोयल ने बताया कि अगर डॉक्टर को किसी विशेष अंग में कैंसर होने की जरा भी आशंका होती है तो उसकी जांच करवाई जाती है। हर अंग की कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट अलग-अलग होते हैं। समय पर जांच व बीमारी सामने आते ही इलाज शुरू हो जाए तो कैंसर पर काबू पाया जा सकता है।
किस कैंसर में कौनसी जांच --
प्रभावित अंग तो अनुसार जांच या स्क्रीनिंग की जाती है। अगर लंग कैंसर हो तो चेस्ट एक्सरे, स्तन कैंसर में मैमोग्राम और सीए 15.3, पेट के लिए सोनोग्राफी और ट्यूमर मार्कर, आंतों के कैंसर में सीईए और स्टूल फॉर ऑकल्ड ब्लड, गॉल ब्लैडर और पैनक्रियाज कैंसर में सीए 19.9, लिवर कैंसर में एएफपी, ओवेरी कैंसर में सीए 125, ब्लड कैंसर के लिए सीबीसी व ब्लड स्मियर तथा गर्भाशय के मुख के कैंसर में पैप स्मियर टेस्ट करवाया जाता है। इससे व्यक्ति में कैंसर की उपस्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है।
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अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज का सीटी स्कैन, एमआरआई, संबंधित अंग की बायोप्सी की जाती है जिससे कैंसर की स्पष्ट स्थिति की जानकारी ली जाती है।