नई दिल्ली। आज हम आपको एक ऐसी खदान के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। दरअसल, पूर्वी साइबेरिया में बसा 'मिरनी माइन' विश्व की सबसे बड़ी हीरे की खदान है, जिससे बेहिसाब हीरे निकलते हैं। यह खदान 1722 फीट गहरी एवंर 3900 फीट चौड़ी है।

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इतना ही नहीं, ये विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित गड्ढा भी है। इसे 13 जून, 1955 को सोवियत भूवैज्ञानिकों की एक टीम के जरिए तलाश किया गया था। इसे तलाशने हेतु सोवियत भूविज्ञानी यूवी खबरदीन को वर्ष 1957 में लेनिन पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
प्राप्त सूचना के पश्चात इस खदान के विकास का काम साल 1957 में शुरू किया जा चुका है। यहां वर्ष के अधिकतर महीनों में मौसम काफी खराब रहता है। सर्दियों में यहां तापमान इतना गिर जाता है कि गाड़ियों में तेल भी एकत्रित हो जाता है तथा टायर फट जाते हैं।
इस खदान की तलाश के पश्चात रूस हीरे का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला संसार का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया था। पूर्व इस खदान से प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ कैरेट हीरा निकाला जाता है।

खबरों की माने तो, यह खदान इतना विशाल है कि अनेक बार इसके ऊपर से गुजरने वाले हेलीकॉप्टर नीचे की तरफ के हवा के दबाव से इसमें समा चुके थे। तत्पश्चात से इसके ऊपर से हेलीकॉप्टर्स के गुजरने पर रोक लगा दी गई। साथ ही साल 2011 में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है।