नई दिल्ली/मुम्बई। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त आयोग को आगाह किया है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को कहा कि आय समर्थन योजनाएं, कृषि कर्जमाफी और बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े उदय बॉन्ड के बोझ से राज्यो का घाटा बढ़ सकता है।
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पन्द्रहवें फाइनेंसियल कमीशन के सदस्यों और आरबीआई की बैठक के बाद मुम्बई में पत्रकारों से बातचीत में आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि राज्यों में कृषि कर्ज माफी और इनकम सपोर्ट स्कीम्स जैसी कई ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि राजस्व के प्रतिशत में ब्यज भुगतान में कमी के बावजूद जीडीपी के प्रतिशत के रूप में बकाया कर्ज बढ़ रहा है। दास ने साथ राज्य वित्त आयोग के गठन, सार्वजिनक क्षेत्र में कर्ज और वित्त आयोग को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।
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उल्लेखनीय है कि आम चुनाव के पहले केंद्र सरकार और राज्यों ने मिलकर किसानों और गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। हाल ही में भाजपा शासित राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार आई है, वही किसान कर्ज माफी योजना समेत कई योजनाएं शामिल है। जिसका बोझ राज्य सरकारों के बजट में पड़ता है। जिससे घाटा बढ़ता है।