टहला। हर साल की भाँति दिनांक 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व पर लोग आपस में बधाई दे रहे हैं। इस अवसर पर जगह-जगह विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया जाता है।
"स्वस्थ"रहने के लिए खेलकूद जीवन का आवश्यक अंग हैं।अगर खेलकूद को जीवन से निकाल दें तो जीवन बिल्कुल नीरस हो जाएगा। पशु-पक्षी भी खेलकूद करते हैं।खेलकूद से व्यायाम के साथ मनोरंजन भी होता है। धार्मिक अंधविश्वासों पर होने वाले खर्चों को खेलकूदों के आयोजनों पर खर्च करके स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहिए।
"स्वस्थ"रहना हर व्यक्ति के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है।स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन के साथ- साथ मनोरंजन व खेलकूद भी जरूरी है।खेलकूद से खुद की शारीरिक क्षमता का भी आंकलन होता रहता है। जिससे व्यक्ति का मनोबल तय होता है।
व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से स्वस्थ रहना,"मानवतावादी विश्व समाज"की विचारधारा के मुख्य आधारों में से एक है। तथा स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद भी उतने ही जरूरी हैं। जितना भोजन। अतः खेलकूदों में शामिल होना व बढ़ाना ही मकर संक्रान्ति की खास बधाई होगी।
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