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March 29, 2024 12:20 am

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Run and Hit:ट्रकों की हड़ताल से होगी जरूरी सामान की किल्लत, जेब पर पड़ेगा सीधा असर, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें

ट्रकों की हड़ताल
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नई दिल्ली: देशभर में नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल आज भी जारी है। दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंपों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। कई शहरों में पेट्रोल-डीजल की कमी भी हो रही है। दिल्ली में बसों और ट्रक की कतारें लगी हुई हैं। यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन बस ड्राइवर चलने को तैयार नहीं है। जानकारी के मुताबिक देशभर में तीन दिनों की हड़ताल बुलाई गई है। ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल का असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है। हड़ताल की वजह से खाद्यान्न, दवाईयां और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो सकती है।

क्यों हड़ताल पर बैठे हैं ट्रक ड्राइवर?
गौरतलब है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। AIMTC के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सिडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है।

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पहले क्या था कानून?
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है।

अब संशोधन क्या?

संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगा कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।

ड्राइवरों को क्यों हो रही परेशानी?
AIMTC के अनुसार, कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने बताया कि देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है और तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है।

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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