प्रतापगढ़ 10 फरवरी। जिला स्तर पर गठित एसआईटी द्वारा धरियावद में आईसीआईसीआई बैंक में हुए लगभग 2 करोड़ 50 लाख रूपये के बैंक घोटाले का पर्दाफाश कर बैंक मैनेजर प्रशान्त काबरा पुत्र नरेन्द्र कुमार (32) निवासी कैलाश नगर चितौडगढ व उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर रहे आरोपी जालम चन्द जैन पुत्र पेमराज (72) निवासी थाना धानमण्डी को गिरफ्तार किया है। गबन की राशि से आरोपी हिस्ट्रीशीटर ने उदयपुर-नाथद्वारा रोड पर एक फार्म हाउस खरीद आलीशान रिसॉर्ट बनाया हैं।
एसपी अमित कुमार बुढानिया ने बताया कि बैंक के ग्राहक भुपेश रोत के केसीसी खाते में 32 लाख रुपये थे, 4 फरवरी को जब उसने अपना खाता चेक किया तो जमा राशि शुन्य दिखाई दी। बाद में बैक के अन्य ग्राहको ने भी अपने सेविंग खातो, केसीसी व ओवर ड्राफ्ट खातो को चैक किया तो गबन का पता चला। जिस पर रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक मनोज बेहरानी ने 6 फरवरी को बैंक मेनेजर प्रशांत काबरा के खिलाफ थाना धरियावद पर प्रकरण दर्ज कराया।
पुलिस टीम द्वारा कार्यवाही
मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसपी बुढानिया द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचन्द मीणा के निर्देशन मे एसआईटी का गठन किया गया। गठित एसआईटी में साईबर थाने से एएसआई प्रताप सिंह एवं साईबर सैल से रमेश चन्द्र मय टीम द्वारा आरोपी बैंक मैनेजर से गहन अनुसंधान किया गया। गबन किये गये खातो व उनके धारको की जानकारी प्राप्त ऐसे खातों का स्टेटमेन्ट प्राप्त कर विश्लेषण किया।
जिसमें पाया कि विभिन्न खाता धारक द्वारा बैंक में जो एफडी और केसीसी करवाई जाती हैं। उन खातो पर आरोपी बैंक मेनेजर प्रशांत काबरा द्वारा ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर राशि को स्वंय की पत्नी दीपिका काबरा व अपने मिलने वाले जालम चन्द जैन, उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कन्सट्रशन के खातो मे जमा कर गबन किया गया।
आरोपी बैंक मेनेजर ने गबन के बारे में पुछताछ में बताया कि रूपयो की जरूरत पडने पर उसने जालम चन्द जैन की एफडी खाते से ओडी बनाकर कुछ रूपये निकाले थे। जिसकी जानकारी जालम चन्द जैन को होने पर वह लगातार ब्लेकमेल करने लगा और डरा धमका कर कुल 46 लाख 400 रूपये नकद व लगभग 2 करोड़ रूपये उसके बताये हुये खातो मे ट्रांसफर करवा लिये। प्रथम दृष्ट्या अपराध प्रमाणित पाये जाने पर बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा को 6 फरवरी को गिरफतार कर 11 फरवरी तक का पीसी रिमाण्ड प्राप्त किया गया। सह अभियुक्त जालम चन्द जैन को 7 फरवरी को गिरफतार कर कोर्ट से पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है।
62.71 लाख की रकम होल्ड व 46 लाख नकद बरामद
बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा गबन की राशि को जिन खातो में जमा करवाई गई थी उनमें से कुल 62 बैंक खातो को फ्रीज करवाते हुए 62 लाख 71 हजार 490 राशि को होल्ड कराया गया। साथ ही आरोपी जालम चन्द जैन की निशादेही से कुल 46 लाख 400 रूपये नकद जब्त किये गये है। इस प्रकार अब तक कुल 1 करोड़ 8 लाख 71 हजार 490 रूपये की राशि को जब्त / फ्रीज करवाया जा चुका है। प्रकरण में गिरफतार अभियुक्त के द्वारा इसी ब्रांच से लिये गये 70 लाख के खातों को भी न्यायालय के अग्रिम आदेश तक फ्रीज करवाये जाने की कार्यवाही की गई है।
बैंक की कार्यप्रणाली मे तकनीकी कमी व टारगेट को पूरा करना रहा गबन का मुख्य कारण
एसआईटी द्वारा संदिग्ध लेनदेन वाले बैंक खातों की जांच की गई तो यह तथ्य सामने आये कि शाखा मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा एफआईआर में वर्णित बैंक खाता धारकों के अलावा भी कुछ अन्य एफडी खातों पर भी ओवर ड्राफ्ट अकाउण्ट बनाये गये और कई खातों मे गलत मोबाईल नम्बर अपडेट किये गये। जिसके कारण जब ओवर ड्राफ्ट अकाउण्ट खुलने व उस खाते से किये जा रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी खाता धारक को नहीं मिल पाती थी।
एफडी खातों पर ऑवर ड्राफ्ट खाते खोलने का मुख्य कारण
बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा व अन्य कर्मचारियों से इस बारे मे पूछताछ की गई तो उन्होने बताया कि इसका मुख्य कारण बैंक द्वारा उनको प्रतिदिन दिये जाने वाले नये नये टारगेट थे। जैसे नये बचत खाते व करंट अकाउण्ट, गोल्ड लोन, एफडी अकाउण्ट खोलने के टारगेट मिलते थे। टारगेट्स को पूरा करते हुए अपनी परफोरमेंस बढोतरी करने के लिये बैंक मैनेजर व अन्य कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के एफडी अकाउण्ट, सेविंग अकाउण्ट, गोल्ड लोन अकाउण्ट आदि पर ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर ऐसे खातों से राशि उठाकर पुनः उसकी एफडी या नये अकाउण्ट खोल दिये जाते है या नकद / चैक से राशि निकाल ली जाती।
बैंक द्वारा दिये जाने वाले टारगेट के संख्यात्मक आंकड़ों को पूरा करने के लिये बैंक कर्मियों द्वारा इस प्रकार के क्रोस ट्रांजेक्शन किये जा रहे थे कि उसकी जानकारी खाता धारक व मुख्य बैंक को भी नहीं हो पाती है। इसका फायदा उठाते हुए ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा एफडी खातों पर ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर उन खातों से राशि को एक खाते से दुसरे खातें मे क्रोस ट्रांसफर कर घुमाते हुए बैंक की और से दिये गये टारगेट की पूर्ति की व बैंक की तकनीकी कमी का फायदा उठाकर करीब 2 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि का गबन किया गया। क्रोस ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने का कोई स्पष्ट मेकेनिज्म आईसीआईसीआई बैंक के साफ्टवेयर प्रणाली मे नहीं होने के कारण बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा ने अभिलाषा जैन, नरेश लबाना, सज्जन बाई, जय प्रकाश डागरिया आदि के एफडी खातो पर ऑवर ड्राफ्ट की लिमिट बनाकर उक्त खातों से खुद के, पत्नी दीपिका काबरा, जालम चन्द जैन व अन्य के खातों मे रूपयों का ट्रांजेक्शन करते हुए नकद विड्रो कर लिया व पुनः ओवर ड्राफ्ट अकाउण्ट मे जमा नहीं करवाया।
गबन की रकम से फार्म हाउस खरीद बनाया आलीशान रिसोर्ट
गिरफतार अभियुक्त जालम चन्द जैन के द्वारा ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा से अलग – अलग खातों मे प्राप्त की गई राशि से उदयपुर से नाथद्वारा रोड़ पर करीब 2 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत का फार्म हाउस खरीदा गया हैं। जिस पर आलीशान विनायक रिसॉर्ट बनाया हुआ है। उक्त फार्म हाउस व रिसॉर्ट की संपति को फ्रीज करवाने के लिये माननीय न्यायालय मे आवेदन पेश किया गया हैं। प्रशांत काबरा द्वारा बैंक के जिन खाता धारकों के खातों से छेड़छाड़ कर धोखाधडी की गई उस राशि की भरपाई की जा सके । गिरफतार अभियुक्तों से गहन अनुसंधान जारी हैं, जिससे गबन की राशि में बढ़ोतरी की पूर्ण संभावना है।
गंभीर प्रकृति के 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं हिस्ट्रीशीटर आरोपी पर
गिरफतार अभियुक्त जालम चन्द जैन थाना धानमण्डी उदयपुर का हिस्ट्रशीटर होकर इसके खिलाफ जिला उदयपुर के विभिन्न थानों मे व शहर धरियावद थाने पर कुल 19 प्रकरण गंभीर धाराओं जिसमे राजकार्य मे बाधा, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, मारपीट आदि के दर्ज है। अभियुक्त जालम चन्द जैन के द्वारा 80 के दशक मे सगीर मोहम्मद हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी रहा है।